
शराब घोटाले मामले में बुधवार को सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच सीबीआई ने दिल्ली की शराब नीति और इसमें केजरीवाल की भूमिका को लेकर कोर्ट में कई दावे किए हैं.
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि 16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शराब नीति को लेकर उससे मुलाकात की. केजरीवाल ने 16 मार्च को सचिवालय में मगुंटा रेड्डी से पहली बार मुलाकात की. वह सांसद हैं और दक्षिण में बड़ा नाम हैं. उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात की और शराब दिल्ली नीति को लेकर सपोर्ट मांगा. इस पर केजरीवाल ने मदद का आश्वासन दिया लेकिन उनसे आम आदमी पार्टी को फंड देने को कहा.
सीबीआई ने कहा कि मंगुटा रेड्डी से के.कविता से बात करने को कहा गया था. 19 मार्च 2021 को कविता ने रेड्डी से संपर्क किया और उनसे हैदराबाद में मिलने को कहा. हैदराबाद में कविता ने रेड्डी से पचास करोड़ की मांग की. रेड्डी को बताया गया कि वे पहले से ही नई शराब नीति पर काम कर रहे हैं और उनसे इस पॉलिसी पर साथ मिलकर काम करने को कहा गया. ये सब मुख्यमंत्री केजरीवाल की जानकारी और उनके निर्देश पर हुआ.
सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल का कहना है कि विजय नायर ने उनके साथ काम नहीं किया बल्कि उसने आतिशी और सौरभ भारद्वाज के तहत काम किया था. सीबीआई का दावा है कि इस तरह केजरीवाल ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी. केजरीवाल ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी का आइडिया उनका नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया का था.
सीबीआई का दावा है कि हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है. वह ये भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डालते हुए कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
सीबीआई ने क्यों किया गिरफ्तार?
केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई का कारण यह था कि वह उस कैबिनेट का हिस्सा थे जिसने शराब नीति को मंजूरी दी थी. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि रिश्वत लेने के बाद दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में हितधारकों के मन मुताबिक संशोधन किए गए. थोक विक्रेताओं के लिए प्रॉफिट मार्जिन 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया.
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा- केजरीवाल को दूसरे मामले में न्यायिक हिरासत में रहते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया. कोई आदेश पारित हो गया है और हमें जानकारी नहीं है. जिस तरह से यह किया गया है वह गंभीर चिंता का विषय है और यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. हमें मीडिया से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में पता चला. हम मांग करते हैं कि सीबीआई की ओर से दाखिल रिमांड अर्जी की कॉपी हमें भी दी जाए.