नीरज चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर का थ्रो किया है और उन्होंने पहले ही प्रयास में फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई कर लिया है. नीरज चोपड़ा के अलावा पाकिस्तान के अशरद नदीम भी पहले ही प्रयास में 86.59 का थ्रो करने के साथ फाइनल राउंड में जगह बनाने में सफल हुए. फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए जरुरी था कि नीरज 84 मीटर से अधिक का थ्रो करें, और नीरज से ऐसा करने में सफलता पाई है. हालांकि, नीरज की कोशिश अब 90 मीटर का थ्रो करने पर होगी. टोक्यों ओलंपिक में भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज से इस बार भी ओलंपिक में गोल्ड की उम्मीद है. नीरज चोपड़ा इस बार भी गोल्ड जीतने में सफल रहे तो वो लगातार दो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले दुनिया का पांचवें जेवलिन थ्रोअर बन सकते हैं. उनसे पहले ऐसा कारनामा एरिक लेमिंग ( स्वीडन 1908 और 1912), जोन्नी माइरा ( फिनलैंड 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी ( चेक गणराज्य 1992 और 1996 ) और आंद्रियास टी ( नॉर्वे 2004 और 2008 ) ने किया था.