मुरादाबाद। उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट के निर्देशन में श्रम प्रवर्तन अधिकारी तथा एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की संयुक्त टीम ने मुरादाबाद के बंगला गांव और जिगर विहार कॉलोनी में बड़े पैमाने पर बाल एवं किशोर श्रमिक चिन्हांकन अभियान चलाया। अभियान के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई, जिसमें कुल आठ बाल एवं किशोर श्रमिकों का चिन्हांकन किया गया।
अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र के चार प्रतिष्ठानों से पाँच बाल श्रमिक तथा दो प्रतिष्ठानों से तीन किशोर श्रमिक कार्य करते हुए पाए गए। बाल श्रमिकों को तत्काल सुरक्षा में लेते हुए संबंधित श्रम प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा उन्हें आयु परीक्षण हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। चिकित्सकीय परीक्षण के बाद इन सभी बच्चों को आवश्यक संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष भेजने की कार्रवाई की गई।
वहीं, जिन प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिक पाए गए वहाँ बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 संशोधित 2016 के उल्लंघन को देखते हुए नियोजकों को मौके पर ही निरीक्षण टिप्पणी जारी कर दी गई। विभाग द्वारा संबंधित प्रकरणों में आगे की विधिक कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
उप श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने बताया कि बाल श्रम एक गंभीर अपराध है और इससे बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है। उन्होंने सभी नियोजकों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी दशा में बाल या किशोर श्रमिकों से कार्य न लिया जाए, अन्यथा विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि श्रम विभाग द्वारा ऐसे अभियान आगे भी लगातार चलाए जाएंगे, ताकि क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त बनाया जा सके और बच्चों को शिक्षा व सुरक्षित बचपन उपलब्ध कराया जा सके।
