
पूरे उत्तर भारत में इस वक्त बाढ़ की स्थिति कई जगहों पर बन गई है. खासतौर पर बीते दिन से पंजाब की स्थिति चिंताजनक है. पाकिस्तान में बाढ़ की वजह अगर भारत है तो ये सोचना चाहिए कि भारत के पंजाब में बाढ़ क्यों है? पंजाब की नदियों सतलज, ब्यास, रावी, और घग्गर उफान पर हैं, ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे पंजाब में हाहाकार मचा हुआ है.
इसकी वजह से पंजाब के करीब 1 हजार से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. हालात बहुत ज्यादा खराब है, आपदा प्रबंधन से जुड़े लोग युद्धस्तर पर लगे हुए हैं. प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने के प्रयास जारी हैं. इसी वजह चीन में आयोजित SCO की बैठक से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की थी, और बाढ़ के हालात की जानकारी ली थी.
पंजाब के 23 में से 12 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से अब तक 30 लोगों के मारे जाने की खबर है. इससे करीब 15 लाख लोग प्रभावित हुए और करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर अब तक शिफ्ट किया जा चुका है. बाढ़ की वजह से पंजाब की खेती पर भी असर पड़ा है. खेती की करीब 3 लाख एकड़ की जमीन प्रभावित हुई है. जिससे धान, कपास, और मक्का की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बाढ़ प्रभावित इलाकों का मंगलवार को जायजा लिया. जब उनसे इससे संबंधित सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि कुदरत के आगे वो क्या ही कर सकते हैं.
पंजाब में हर साल फरवरी महीने में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए एक मीटिंग होती है. लेकिन इस साल ये मीटिंग फरवरी में ना होकर जून में हुई थी. फरवरी में आम आदमी पार्टी (AAP) का पूरा ध्यान दिल्ली चुनाव पर था और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का फोकस भी अपनी पार्टी को जिताने पर लगा हुआ था.