दक्षिण श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात वह सब हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. यहां एक ऐसा भीषण धमाका जिसने पूरे इलाके को दहला दिया और इसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. थाने की इमारत का बड़ा हिस्सा ढह गया, कई वाहन धू-धू कर जल उठे और 300 फीट दूर तक इंसानी अवशेष बिखरे मिले.
शुक्रवार रात करीब 11.22 बजे हुए इस धमाके में अब तक 12 मौतों की पुष्टि हो चुकी है और 27 घायल अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे हैं, जिनमें कई की हालत बेहद गंभीर है. मलबे में अभी भी लोगों के दबे होने की आशंका है.
CCTV फुटेज और चश्मदीदों ने बताया कि धमाका इतनी तीव्रता वाला था कि आग और धुएं का गुबार आसमान में उठ गया. राहत दल को छोटे-छोटे लगातार धमाकों के कारण करीब एक घंटे तक अंदर प्रवेश करने में दिक्कत हुई.
आशंका है कि पुलिस स्टेशन के भीतर रखी गई करीब 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक सामग्री में उस समय विस्फोट हो गया जब मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उसे सील किया जा रहा था.
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने नौगाम थाने में हुए धमाके को एक दुर्घटना बताया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि थाने में हुआ विस्फोट कोई आतंकी साजिश या हमला नहीं सिर्फ एक हादसा था, जो एफएसएल टीम द्वारा सैंपल लेने के दौरान हुआ.
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक की सैंपलिंग की प्रक्रिया दो दिन से चल रही थी और इसी दौरान रात करीब 11:20 बजे यह घटना हुई. डीजीपी नलिन प्रभात ने कहा, ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है. इसकी विस्तृत जांच की जा रही है.’ गृह मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर इस घटना की जानकारी दी है और धमाके को सिर्फ एक हादसा बताया. डीजीपी ने स्पष्ट किया कि घटना में किसी तरह की आतंकी साजिश या बाहरी हस्तक्षेप का कोई एंगल नहीं है.
